जवान लड़के के साथ
लेखिका : सीमा खान
हेल्लो दोस्तो, मेरा नाम रीमा है और यह मेरा बदला हुआ नाम है ! आज मैं आप लोगों को मेरी आप बीती कहानी सुनाती हूँ !
आप लोगों को मैं बता दूँ कि मेरा साइज़ है - ३८,२६,३६ और मेरी उम्र २७ साल है ! मैं शुरू से ही सेक्सी दिखाई देती हूँ और मेरी शादी के बाद तो मेरे स्तन और भी बड़े हो गये थे ! मैं जब भी बाहर जाती तो सभी की नज़र मेरी गांड पर और मेरे वक्ष पर होती थी ! मैंने एक शेख से शादी की थी और शादी के बाद दुबई चली गई !
मेरी शादी के कुछ ही महीनों बाद मेरे पति का एक सड़क दुर्घटना में देहांत हो गया ! मेरे पति का एक गारमेंट शॉप भी था और उस की ज़िम्मेदारी मुझ पर आ गई ! मैंने मेरे पति के निधन के १ महीने के बाद शॉप पुनः खोली तो उस वक़्त कोई भी वर्कर नहीं था दुकान में, जिससे मुझे काफी परेशानी उठानी पड़ती थी ! मैंने एक अखबार में इश्तहार दिया की मुझे सेल्समैन की ज़रूरत है और यह भी छपवा दिया कि उसे रहने और खाने की सहूलियत भी दी जायेगी !
कुछ दिन बाद एक लड़के ने मुझे फ़ोन किया और कहा," क्या आप को किसी सेल्समैन की ज़रूरत है ?"
तो मैंने कहा," हाँ !" मैंने उसे पूरी बात बता दी और उस ने कहा कि वो कल से काम पर आ जायेगा !
फिर वो दूसरे दिन काम पर आ गया ! मैंने उसे देखा तो बस देखती ही रह गई क्यूंकि वो एक दम हट्टा-कट्टा था ! उसकी बॉडी भी अच्छी शेप में थी ! वो मेरे पास आया और उस ने मुझसे पूछा,"क्या आप ही रीमा हैं ?"
मैंने कहा," हाँ !"
तो उसने कहा," मैंने आप को कल फ़ोन किया था और और आप ने मुझे काम पर आने को कहा था !"
मैंने उसे कहा," यहाँ काम सुबह १० बजे से रात को ९ बजे तक करना होगा !"
वो राजी हो गया और मैंने उसे तनख्वाह के बारे में भी बता दिया और उसने कहा,"आपने और कुछ भी छपवाया था !"
मैंने पूछा,"क्या ?"
उसने कहा,"खाने का और रहने का ??"
मैंने कहा,"यहाँ मेरे पास एक कमरा है और खाना भी मेरे ही यहाँ खाना होगा ! "
तो उसने कहा,"मैं अभी आता हूँ !" और वो कुछ २ घंटे के बाद एक बैग के साथ आया !
मैंने उससे पूछा," इस में क्या है?"
उसने कहा," यह मेरा सामान है ! " और वो काम पर लग गया ! रात को जब मैं दूकान बंद कर के घर जाने लगी तो उसने मुझे पीछे से आवाज़ लगाई," मैडम, मैडम ! "
मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वो समीर था और फिर हम लोग घर आ गये ! मैंने उसको खाना दिया और मेरे घर के बाहर एक कमरा भी दे दिया ! फिर मैं सोने चली गई !
फिर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा ! रविवार को मैं दुकान बंद रखती थी तो उस दिन समीर अपने कमरे में कसरत कर रहा था ! मैं उसे मेरे बेडरूम में से देख रही थी ! उसे देखते ही न जाने मुझे क्या हो जाता था, मैं बस अपनी चूत को और अपने बूब्स को सहला देती थी और अपनी चूत में ऊँगली या मूली डाल कर चुदाई करती थी !
अब मैंने सोच लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं इस लड़के से चुदवा कर रहूंगी !
मैंने धेरे-धीरे अपना कपड़े पहनने का स्टाइल बदल दिया और एक दम लो-कट गाउन पहनती थी ! जब भी वो मेरे करीब होता तो मैं जानबूझ कर मेरा दुपट्टा हटा देती थी ताकि उसे मेरे आधे स्तन दिखाई दें ! वो मेरे बूब्स को देखता ही रह जाता था ! और फिर मैं उसे रोज़ अपने ही घर में खाने को बुलाती थी और घर पर मैं सिर्फ पारदर्शी गाउन पहनती थी जिस से उसे मेरा सारा बदन दिखाई दे !
एक रात मैंने उसे कहा- मेरे सारे बदन में दर्द है ! उस दिन शनिवार था और दूसरे दिन दूकान बंद थी !
उसने कहा,"क्या मैं आपका बदन दबा दूं ?"
मैंने कहा,"ठीक है !"
मैं उसे अपने बेडरूम में लेकर आ गई और बेड पर पेट के सहारे लेट गई ! उस ने मेरी पीठ पर जैसे ही हाथ रखा ,मेरे तो तन बदन में जैसे एक आग दौड़ गई क्यूंकि मुझे किसी मर्द ने पूरे 6 महीने के बाद हाथ लगाया था ! उसने मेरी बरसों की वासना को फिर से भड़का दिया ! फिर कुछ देर पीठ को दबाने के बाद मैंने उसे कहा,"मैं अपना गाउन उतार देती हूँ ताकि तुम्हें आसानी हो बदन दबाने में !"
मैंने झट से अपना गाउन उतार दिया ! अब मैं सिर्फ ब्रा और पैंटी में ही थी और वो मुझे घूर-घूर कर देख रहा था ! मैंने भी उस का उभरा हुआ लंड देख लिया था ! अब मुझे और भी मज़ा आने लगा ! मैंने उसे कहा," क्यूँ न तुम भी अपने कपड़े उतार दो ....!"
पहले तो वो शरमाया लेकिन मेरे थोड़ा कहने पर उसने अपने कपड़े उतार दिए , सिवाए अंडरवियर के ! मैंने उसके अंडरवियर के अन्दर फूले हुए लण्ड को देखा ! फिर मैंने उसे कहा,"मेरी ब्रा भी खोल दो !"
उसने झट से ब्रा को खोल दिया और मैं पीठ के बल लेट गई ! वो मेरे बूब्स को देखता रहा !
मैंने उसे कहा," ज़रा मेरे बूब्स भी दबा दो............! "
उसने बड़े ही मुलायम हाथों से मेरे बूब्स को दबाया ! थोड़ी देर मेरे बूब्स दबाने के बाद मैंने उस का लंड पकड़ लिया तो वो हैरान हो गया ..............!
मैंने उससे कहा," इसमें हैरान होने की कोई बात नहीं है ! तुमने भी तो मेरे बूब्स को दबाया है ! अब मैं भी तुम्हारा लंड दबाउंगी! " मैंने उसका अंडरवियर उतारा और उसका लंड अपने मुंह में ले लिया और उसे चूस-चूस कर उस का पानी निकाल दिया !
फिर मैंने उसे कहा,"अब तुम्हारी बारी ......!"
उस ने मेरी पैंटी उतारी और अपनी ऊँगली से मेरी चूत को चोदने लगा ! मैं जोश के कारण , आआआआआ ऊऊऊऊऊऊऊ अहहहहहाहा म्म्म्म्म्म कर रही थी ! फिर मैं भी झड़ गई और उसने मेरा सारा पानी पी लिया ! फिर हम लोग एक दूसरे से लिपट कर सोये रहे !
फिर कुछ देर के बाद मैंने उस को एक स्प्रे दिया जो मेरा पति इस्तेमाल करता था ! वो स्प्रे लंड पर छिड़कने से लंड तकरीबन १ घंटे तक अपना पानी नहीं छोड़ता है ! फिर मैंने वो स्प्रे उसके लंड पर छिड़का और उस का लंड खड़ा हो गया ! अब मैंने अपनी टांगें फैला ली और उसे अपनी चूत का द्वार दिखाया ! मैंने उसे इशारा किया कि वो अपना लंड मेरी चूत में डाल दे ! उसने अपना लंड मेरी चूत के द्वार पर रखा और एक झटका मारा ! मेरे मुंह से एक चीख निकली, " आआआआआआआ " मैंने 6 महीने से लंड नहीं खाया था न, इसी लिए ! उसने एक और धक्का मारा जिससे कि उसका लंड मेरी चूत में समा गया ! मैंने उस का लंड वैसे ही अपनी चूत में रहने दिया और फिर २ मिनट के बाद उस ने मुझे चोदना शुरू किया !
"वाह ! क्या मज़ा आ रहा था ! मैं तो जैसे स्वर्ग में थी ! "
मेरे मुंह से आआआ ऊऊऊऊ म्म्म्म्म्म्म्ममअहहहहह की आवाजें निकलने लगीं ! जोश के कारण वो बोलने लगी,"और चोदो, और चोदो, और चोदो ! "
उसने कहा, "ले रांड ! और ले ! खा मेरा लंड ! फिर उस ने मुझे कुतिया बनाया और मुझे खूब चोदा ! फिर तकरीबन एक घंटे बाद वो झड़ने वाला था तो उसने मुझसे कहा," मैं झड़ने वाला हूँ !"
उसके झड़ने से पहले ही मैं तीन बार झड़ चुकी थी तो मैंने उसे कहा," मेरी चूत में ही झड़ जाओ !”
वो मेरी चूत में ही झड़ गया ! मैंने उस रात उस से 6 बार चुदवाई और आज भी मैं उससे रोज़ चुदाती हूँ !!!!
seema_khan791@yahoo.com
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12/5/09
12/3/09
सपनाको कथा १
Hi साथी हो अब देखी म तपाईं हरु लाई मेरो बाल्यकाल देखी को मलाई केटा हरु ले चेकएको कथा भन्छु।
जब म ८ बर्ष को थीये र ३ Class मा पडथीये| रोहन भन्ने केटा class 8 मा थीयो। रोहन को घर र
हाम्रो घर नजीकै थेयो। हामी सँगइ स्कुल जाने र आउने गरथीउ। एक दिन ४ बजे स्कुल छुट्टी भयो तर
असार को समय भको ले गर्दा पानी पर्दै थीयो। म र रोहन पानी मा भीजदै भये पनि घर तीर जादै थीम
ढुङ्गा मा ठेस लागेर म लडे र पुरै कपडा हीलो भयो। लडेको ले गर्द म रुदै थीये यस्तै लुगा लाएर
घर गयो भने त मारछन भन्ने डर् थीयो।
पोइला हामी रोहन को घर गएम। रोहन को dad mom त खेत म जानु भको रछ धान रोप्न लाई। रोहन को घर म
गएर मैले पुरै लुगा खोले तेयो बेला मलाई चीकाबाजी भन्ने था थीएन म नाङै बसेको थीये। रोहन ले
आएर मलाई आएज काख मा बस भनो मैले नाई होस् भने तर रविन ले मलाई काउकुती लाउन थालो खाली मेरो
दुध मात्र मोल्थेयो मलाई था नै थेन गाउं मा त १०-११ बर्ष सम्म नङै हिडथे केटा केटी। समय बिथ्दै
गयो म class 6 मा पढ्न थाले तेती बेला मेरो दुध पनि साना कागती जत्रा मात्र थीये तेस्बेला देखी
अली अली मलाई लडो पुती सम्बन्धी ज्ञान हुन थालेको थेयो। एक दिन म घर म एकली भको मौका पारेर
रविन आयो र म सँग जिस्किन थालो मलाई पनि जिस्किन खुब आउथेयो बिस्तारो बिस्तारो रविन र मेरो हात
हला हाल गर्दै जिस्किने बनी बसो अब त रविन मेरो सानु कागती पनि नेचोर्न थालिसकेको थेयो मलाई
तेसबेला सबै त्यहाँ हुनाथाली सकेको थीयो तेए पनि म थाहा न पाको जस्तै गर्थीये। अब त मेरो कागती
रविन को आसिर्बाद ले गर्दा सुन्तला भएसकेको थीयो। मेरो class 8 को final exam सकीयो र म सधैं
गाई बस्तु चराउन नजिकैको सानु जंगल मा लन्थे एक दिन रविन घर बाट नेक्कै मीठा मीठा खाने कुरा
लीएर आयो रविन ले मलाई कख म बस्न लगयो र खाने कुर खान भन्यो वोस्ले त खानेकुरा थेयै खायो वोस
को हाथ त खाली मेरो दुध मा र कता कता हुन्थेयो हुन्थेयो । तेतिनै बोल वोस ले वोस को लाडो छुन
लगायो म त छक्क परे लाडो त कस्तो सारो दरो भको रछ। आनी वोस ले मेरो फरक उचालो र वोस को लाडो
भीत्र घुसार्न खोजो तर मेरो दुलो सानु रछ कि क्य हो क् हो गरेपनी छीरेन थुक्लाएर try गर्द पनि
भएन र वोस ले आफ्नु अंमला हलो मा भीत्र बाइर गरो तेस्बेला सम्मा मेरो पुती पोलेर खप्नु भएसकेको
थेएन मेरो पुती पोलेर रातो भको थेयो। तेतिकैमा रातपरो र हामी घर तिर गोएम वोस ले मलाई कसै लाई
पनि न भन्नु ने भोली फेरी तेस्तै गर्नुपर्छ भन्दै थेयो। मा घर पुगे घर मा त दिदी भिनाजु
आउनुभको रछ तेयो दिन खाना खाएसकेर गफगाफ्फ भयो र राती सुत्ने time भयो दिदी भेनजु मेरो कोठा मा
सुत्ने हुनु भो। रती लघ्भग ११ बजेको थेयो होला मेरो खाट एक्कासी हल्लिन थालो। एशो आर्को खत मा
हेरेको त दिदी भेनजु को महाभारत पो जदै रछ मैले पनि एक्चिन हैरे भेनाजु को कालो लाडो प्रस्ट
देख्एराखेको थेयो। दिदी को शायद पुती सानु थेयो होला दिदी स्या स्या गर्दै थीन। मैले पनि मेरो
दुध २-४ पल्ट मोले मैले पनि सहनै सकेको थीन। मैले देऔसो रविन ले गरेको कुर हरु पनि झल झल सम्झी
राखेको थीये, कैले भोली बीहान हुन्छ भनेर पर्खि रहे। बिहान को खान खाएसके पछे हतार हतार गर्दै
जंगल मा गाई बस्तु चराउन लगे रविन पनि एक्चिन पछाडि आयो आज त लडो मा तेल लाएर आको रछ। सुरुमै
वोस ले मेरो लुटेए मा आम्ल हलेर लदो घुसार्न थालो के को लाडो पस्थेयो आली कै तुप्पो बल्ल पसो।
तेयो दिन मैले पनि वोस को लाडो मजा ले खलाये नेक्कै मज्जा आयो।
ok sathi ho aaja lai yeti nai fere bholi yehai bata count garchhu la
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जब म ८ बर्ष को थीये र ३ Class मा पडथीये| रोहन भन्ने केटा class 8 मा थीयो। रोहन को घर र
हाम्रो घर नजीकै थेयो। हामी सँगइ स्कुल जाने र आउने गरथीउ। एक दिन ४ बजे स्कुल छुट्टी भयो तर
असार को समय भको ले गर्दा पानी पर्दै थीयो। म र रोहन पानी मा भीजदै भये पनि घर तीर जादै थीम
ढुङ्गा मा ठेस लागेर म लडे र पुरै कपडा हीलो भयो। लडेको ले गर्द म रुदै थीये यस्तै लुगा लाएर
घर गयो भने त मारछन भन्ने डर् थीयो।
पोइला हामी रोहन को घर गएम। रोहन को dad mom त खेत म जानु भको रछ धान रोप्न लाई। रोहन को घर म
गएर मैले पुरै लुगा खोले तेयो बेला मलाई चीकाबाजी भन्ने था थीएन म नाङै बसेको थीये। रोहन ले
आएर मलाई आएज काख मा बस भनो मैले नाई होस् भने तर रविन ले मलाई काउकुती लाउन थालो खाली मेरो
दुध मात्र मोल्थेयो मलाई था नै थेन गाउं मा त १०-११ बर्ष सम्म नङै हिडथे केटा केटी। समय बिथ्दै
गयो म class 6 मा पढ्न थाले तेती बेला मेरो दुध पनि साना कागती जत्रा मात्र थीये तेस्बेला देखी
अली अली मलाई लडो पुती सम्बन्धी ज्ञान हुन थालेको थेयो। एक दिन म घर म एकली भको मौका पारेर
रविन आयो र म सँग जिस्किन थालो मलाई पनि जिस्किन खुब आउथेयो बिस्तारो बिस्तारो रविन र मेरो हात
हला हाल गर्दै जिस्किने बनी बसो अब त रविन मेरो सानु कागती पनि नेचोर्न थालिसकेको थेयो मलाई
तेसबेला सबै त्यहाँ हुनाथाली सकेको थीयो तेए पनि म थाहा न पाको जस्तै गर्थीये। अब त मेरो कागती
रविन को आसिर्बाद ले गर्दा सुन्तला भएसकेको थीयो। मेरो class 8 को final exam सकीयो र म सधैं
गाई बस्तु चराउन नजिकैको सानु जंगल मा लन्थे एक दिन रविन घर बाट नेक्कै मीठा मीठा खाने कुरा
लीएर आयो रविन ले मलाई कख म बस्न लगयो र खाने कुर खान भन्यो वोस्ले त खानेकुरा थेयै खायो वोस
को हाथ त खाली मेरो दुध मा र कता कता हुन्थेयो हुन्थेयो । तेतिनै बोल वोस ले वोस को लाडो छुन
लगायो म त छक्क परे लाडो त कस्तो सारो दरो भको रछ। आनी वोस ले मेरो फरक उचालो र वोस को लाडो
भीत्र घुसार्न खोजो तर मेरो दुलो सानु रछ कि क्य हो क् हो गरेपनी छीरेन थुक्लाएर try गर्द पनि
भएन र वोस ले आफ्नु अंमला हलो मा भीत्र बाइर गरो तेस्बेला सम्मा मेरो पुती पोलेर खप्नु भएसकेको
थेएन मेरो पुती पोलेर रातो भको थेयो। तेतिकैमा रातपरो र हामी घर तिर गोएम वोस ले मलाई कसै लाई
पनि न भन्नु ने भोली फेरी तेस्तै गर्नुपर्छ भन्दै थेयो। मा घर पुगे घर मा त दिदी भिनाजु
आउनुभको रछ तेयो दिन खाना खाएसकेर गफगाफ्फ भयो र राती सुत्ने time भयो दिदी भेनजु मेरो कोठा मा
सुत्ने हुनु भो। रती लघ्भग ११ बजेको थेयो होला मेरो खाट एक्कासी हल्लिन थालो। एशो आर्को खत मा
हेरेको त दिदी भेनजु को महाभारत पो जदै रछ मैले पनि एक्चिन हैरे भेनाजु को कालो लाडो प्रस्ट
देख्एराखेको थेयो। दिदी को शायद पुती सानु थेयो होला दिदी स्या स्या गर्दै थीन। मैले पनि मेरो
दुध २-४ पल्ट मोले मैले पनि सहनै सकेको थीन। मैले देऔसो रविन ले गरेको कुर हरु पनि झल झल सम्झी
राखेको थीये, कैले भोली बीहान हुन्छ भनेर पर्खि रहे। बिहान को खान खाएसके पछे हतार हतार गर्दै
जंगल मा गाई बस्तु चराउन लगे रविन पनि एक्चिन पछाडि आयो आज त लडो मा तेल लाएर आको रछ। सुरुमै
वोस ले मेरो लुटेए मा आम्ल हलेर लदो घुसार्न थालो के को लाडो पस्थेयो आली कै तुप्पो बल्ल पसो।
तेयो दिन मैले पनि वोस को लाडो मजा ले खलाये नेक्कै मज्जा आयो।
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